पशुपालन
पशुपालन विभाग द्वारा संचालित कार्यक्रम
- बीमार पशुओं की पशु चिकित्साः-जनपद मे पशुपालन विभाग के संचालित 18 पशु चिकित्सालयों पर पशुपालकों के बीमार पशुओं जैसे गाय,भैंस, बकरी, भेड, घोडा,मूर्गी आदि की शासन द्वारा निर्धारित लेवी प्राप्त कर चिकित्सा की जाती है। इसके अतिरिक्त जनपद के पशुपालकों को 19 पशु सेवा केन्द्रों पर भी प्राथमिक पशु चिकित्सा सेवाये उपलब्ध करायी जाती है।
- पशुओं मे नस्ल सुधार हेतु कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रमः-जनपद मे पशुपालन विभाग के संचालित 18 पशु चिकित्सालयों, 19 पशु सेवा केन्द्रों एवं पैरावेट के माध्यम से जनपद के पशुपालको के प्रजननशील पशुओं मे कृत्रिम गर्भाधान एवं गर्भ परीक्षण का कार्य किया जाता है। पशुपालन विभाग उ0प्र0 की पशु प्रजनन नीति के अनुसार गोवंशीय/महेशवंशीय पशुओं मे नस्ल सुधार हेतु उच्च गुणवत्ता युक्त होलस्टन फ्रीजन, साहीवाल एवं मुर्रा प्रजाति के सांडों के सीमन स्ट्राज द्वारा कृत्रिम गर्भाधान निर्धारित लेवी प्राप्त कर किया जाता है।
- संक्रामक रोगो की रोकथाम हेतु पशुओं मे टीकाकरणः-पशुओं मे मुख्यतः संक्रामक बीमारी से बचाने हेतु गलाघोटू व खुरपका-मुहपका बीमारी का टीकाकरण पशु पालकों के द्वार पर निःशुल्क किया जाता है। गलाघोटू बीमारी रोकथाम हेतु वर्ष मे एक बार तथा खुरपका-मुहपका रोग की रोकथाम हेतु वर्ष मे दो बार टीकाकरण किया जाता है। खुरपका मुहपका बीमारी का टीकाकरण 45 दिन का अभियान चलाकर किया जाता है। वर्तमान मे 15 सितम्बर-18 से यह अभियान चलाया जा रहा है।
- पशुओं मे बधियाकरणः-जनपद मे पशुपालन विभाग की संचालित सभी इकाईयों पर नर पशुओं का बधियाकरण निःशुल्क किया जाता है, जिससे नस्ल सुधार कार्यक्रम को दृष्टिगत रखते हेतु निम्न गुणवत्ता के पशुओं को प्रजनन से वंचित रखा जा सके।