मुख्यमंत्री लघु सिंचाई योजना
योजना का उद्देश्य :- इस योजना के अन्तर्गत कृषकों की कृषि भूमि कि सिंचन क्षमता में वृद्धि कर कृषि उत्पादकता बढ़ाने हेतु उथले, मध्यम गहरे एवं गहरे नलकूप का निर्माण कराया जाता है।
(1) उथले नलकूप: कृषक लघु/ सीमान्त श्रेणी में हो, कृषक के पास असिंचित भूमि हो, ग्राम सभा द्वारा चयनित प्रस्ताव हो, पूर्व में कृषक द्वारा योजना का लाभ प्राप्त न किया गया हो, सामान्य जाति के कृषकों हेतु न्यूनतम जोत सीमा 0.2 हे० होनी चाहिये, निर्धारित देय अनुदान से अधिक व्यय कृषक स्वयं वहन किया जाता है।
(2) मध्यम गहरे नलकूप: ऐसे क्षेत्रों जहां निःशुल्क बोरिंग योजनान्तर्गत सिंचाई सुविधा प्राप्त नहीं की जा रही है, उन क्षेत्रों में छोटी / हल्की रिंग मशीनों द्वारा 31 मी0 60 मी0 गहराई में मध्यम गहरे नलकूप का निर्माण कराकर कृषकों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है। नलकूप का निर्माण तभी कराया जायेगा, जब प्रस्तावित नलकूप से 6 हे० शुद्ध व 10 हे० सकल भूमि सिंचित किया जा सकता है।
(3) गहरे नलकूप: उन क्षेत्रों में जहां पर गिरते हुये जल स्तर के कारण सिंचाई सुविधा उपलब्ध नही हो पा रही है, जिसमें 60 मी0 से अधिक गहराई के नलकूप तैयार किये जाते हैं। हैवी रिंग मशीनों द्वारा गहरे नलकूप का निर्माण कराया जाता है। इस योजनान्तर्गत सभी श्रेणी के कृषक पात्र हैं। प्रस्तावित नलकूप से न्यूनतम 12 हे० भूमि सिंचित किया जाना संभव होगा।
उक्त योजनाओं हेतु प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना अथवा पारदर्शी किसान सेवा पोर्टल में पंजीकरण अनिवार्य है।
आवेदन की प्रक्रिया- उक्त तीनों योजनाओं में आवेदन की प्रक्रिया समान है। योजना का लाभ लेने के हेतु JJMUP.ORG पोर्टल पर पंजीकरण कराना अनिवार्य है। पंजीकरण हेतु लाभार्थी के आधार कार्ड, खसरा, खतौनी, फोटोग्राफ इत्यादि की आवश्यकता होती है। पंजीकरण के उपरान्त विकास खण्ड स्तर पर बोरिंग टेक्नीशियन / अवर अभियन्ता, लघु सिंचाई द्वारा स्थलीय सत्यापन कर पात्रता की जांच की जाती है। तत्पश्चात लाभार्थी को पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर सुविधा उपलब्ध करायी जाती है।