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उत्तर प्रदेश कुक्कुट विकास नीति-2022

उत्तर प्रदेश कुक्कुट विकास नीति-2022 के अन्तर्गत संचालित योजनाएं :

1. कामर्शियल लेयर फार्म की स्थापना:-

10000 पक्षी क्षमता

30000 पक्षी क्षमता

60000 पक्षी क्षमता

2. ब्रायलर पैरेन्ट फार्म की स्थापनाः-

10000 पक्षी क्षमता

 

योजनाओं के संचालन का उद्देश्य :

 

• प्रदेश में जनमानस के लिए प्रोटीन युक्त आहार हेतु अण्डे की उपलब्धता सुनिश्चित कराते हुए प्रदेश को 5 वर्षो मे अण्डा उत्पादन में आत्मनिर्भर / निर्यातोन्मुखी बनाना ।

• प्रदेश में जनमानस के लिए कुक्कुट मांस की उपलब्धता माँग के अनुसार सुनिश्चित कराना जिससे अन्य प्रदेशों से होने वाले आयात पर निर्भरता कम हो सके।

• पोषण सुरक्षा (Nutritional Security) को सुनिश्चित करना । • प्रदेश में पशुपालन के क्षेत्र में उद्यमिता विकास कराते हुए आगामी 5 वर्षों में 1500 करोड़ रूपये का निवेश सुनिश्चित कराना।

• प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार सृजन करते हुए कुक्कुट पालन द्वारा किसानों की आयु को दो गुना करना ।

 

योजनाओं के लिए पात्रता :

• योजना के लाभार्थी का उत्तर प्रदेश का निवासी होना आवश्यक है।

• योजना में प्रथम बार आवेदन करने वाले लाभार्थी को प्राथमिकता ।

• लाभार्थी / कृषक / उद्यमी को एक इकाई ही अधिकतम अनुमन्य और किसी एक परियोजना में शामिल|

योजना की खास बातें :

क्र०सं० योजना का नाम इकाई की कुल लागत (रू० लाख में) बैंक ऋण (अधिकतम) 70 प्रतिशत (रू० लाख में) मार्जिन मनी (न्यूनतम 30 (प्रतिशत) ( रू० लाख में) ब्याज प्रतिपूर्ति (7प्रतिशत) भूमि की आवश्कता (एकड़ में)
1 10000 पक्षी क्षमता कामर्शियल लेयर 99.53 69.67 29.95 14.61 1 एकड़ में
2 30000 पक्षी क्षमता कामर्शियल लेयर 256.69 179.69 77.00 37.71 2.5 एकड़ में
3 60000पक्षी क्षमता कामर्शियल लेयर 491.90 344.33 147.57 72.30 4.0 एकड़ में
4 10000 पक्षी क्षमता कामर्शियल लेयर 289.07 202.34 86.72 42.47 4.0 एकड़ में

योजना में प्रोत्साहन :

ब्याज प्रतिपूर्ति-

बैंक ऋण पर 7 प्रतिशत 5 वर्ष ( 60 माह०) अधिकतम

विद्युत शुल्क में छूट-

नीति के अन्तर्गत स्थापित होने वाली इकाई हेतु विद्युत बिल में 10 वर्षों तक इलेक्ट्रीसिटी ड्यूटी पर शत्-प्रतिशत छूट।

स्टाम्प शुल्क में छूट-

नति के अन्तर्गत स्थापित होने वाली इकाई हेतु कय की गयी भूमि अथवा लीज पर ली गयी भूमि पर स्टाम्प शुल्क -प्रतिशत छूट।